Monday, August 6, 2012

अन्ना के आन्दोलन से राजनीति 
हमारे देश में पहले भी ऐसा कई बार हुआ है जब जनांदोलन ने राजनीतिक दल का रूप   लिया है . महात्मा गाँधी के नेत्रित्व में कांग्रेस के रूप में  चलाया गया स्वतंत्रता  आन्दोलन  जब 1947 में  अपनी मंजिल पर पहुंचा तब गाँधी जी ने कहा था अब कांग्रेस को समाप्त कर देना चाहिए, उसका उद्देश्य पूरा हो चुका  है. किसी ने भी गांन्धी जी की बात नहीं मानी और आजादी के लिए बना  कांग्रेस आन्दोलन कांग्रेस पार्टी बन गया .

1925 में डॉक्टर हेडगेवार द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रूप में  चलाया गया सांस्कृतिक आन्दोलन 1952 के आते आते  भारतीय जनसंघ का चोला पहन कर राजनीतिक पार्टी बन गया .   सभी  गतिविधियाँ   राजनीति के चारो तरफ केन्द्रित हो गयीं . आज भी भारतीय जनता पार्टी अपने मूल संगठन के खँडहर पर विद्यमान है .


1970 के दशक में  जय प्रकश नारायण द्वारा  सम्पूर्ण क्रांति के लिए चलाया गया आन्दोलन 1977 में राजनैतिक पार्टी बनकर रह गया . आन्दोलन भी चला गया और राजनैतिक पार्टी भी नहीं बची .


अब अन्ना हजारे द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध चलाया गया आन्दोलन भी राजनैतिक पार्टी बनने  जा रहा है . देखना होगा इसका हश्र क्या होता है . पिछले आंदोलनों की डगर पर जायेगा या अपनी राह  ढूंढ पायेगा .